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आजादी हमको मिली नहीं, हमने पाया बंटवारा है ! बं

आजादी हमको मिली नहीं, हमने पाया  बंटवारा  है ! 
बंटवारा भी हुआ धार्मिक, अब ये जग जाने सारा है !! 
तेईस प्रतिशत सनातनी, जो #सिंधु के उस पार रहे,
सैतालिस से पाकिस्तानी, अब तक  उनको मार रहे !
#हिंगलाज में लुटी #सुतायें, #मानवता शर्मिंदा है,
इन देशों में केवल कुछ, प्रतिशत हिन्दू ही जिंदा हैं !
संसद में यह बिल आया है, हम इसके आभारी हैं,
हर हिंदू की रक्षा अब, हिंदुस्तान की जिम्मेदारी है ! 
क्योंकि इनकी आस्थाओं के, गंगाधर हैं भारत में,
आशुतोष अवघरदानी, है शिव प्रलयंकर भारत में।
योगेश्वर की पुण्यभूमि, देवों की अगणित माला है,
#मर्यादा_पुरुषोत्तम का, मन्दिर भी बनने वाला है !
हिंगलाज से वैष्णव देवी तक जाने के सपने हैं,
नानक, गौतम, महावीर के बेटे भी तो अपने हैं !
इनकी पीड़ा चीख चीख कर दुनिया भर से कहती है,
ये उस देश के #वासी हैं जिस देश मे #गंगा बहती है !
लेकिन बहती गंगा में, कुछ हाथ भी धोने वाले हैं,
#संशोधन पर #छाती_माथा पीट के रोने वाले हैं !
उन्हें बता दो जो अपने, हम मात्र उन्हें अपनायेंगे,
अब उनके अतिरिक्त देश में, और न पालें जायेंगे !
हम #चंदन के निकट कभी, #विषबेल नहीं बोने देंगे,
#शरणागत के  #स्वागत में, #घुसपैठ  नहीं होने देंगे !
जब जी चाहे  #घुस आये, #दरबार  बनाकर रखा है,
भारत को अपनी खाला का, घर-बार बनाकर रखा है !
जब भारत का ही गरीब, जीवन जीता कंगाली में,
तब कैसे #रोटी  दे - दें हम, रोहिंग्या की थाली में !
सब कुछ मुफ्त लुटा दें ऐसा, इक बाज़ार नहीं हैं हम,
हम #उदार हैं लेकिन सबके,#पालनहार नहीं हैं हम !
#धनकुबेर या #अन्नपूर्णा के  #अवतार नहीं है #हम, !
#दुनिया के हर #घुसपैठियों के  #ठेकेदार नहीं है हम !!
गौरव दीक्षित ✍️✍️ आजादी हमको मिली नहीं, हमने पाया  बंटवारा  है ! 
बंटवारा भी हुआ धार्मिक, अब ये जग जाने सारा है !! 

तेईस प्रतिशत सनातनी, जो #सिंधु के उस पार रहे,
आजादी हमको मिली नहीं, हमने पाया  बंटवारा  है ! 
बंटवारा भी हुआ धार्मिक, अब ये जग जाने सारा है !! 
तेईस प्रतिशत सनातनी, जो #सिंधु के उस पार रहे,
सैतालिस से पाकिस्तानी, अब तक  उनको मार रहे !
#हिंगलाज में लुटी #सुतायें, #मानवता शर्मिंदा है,
इन देशों में केवल कुछ, प्रतिशत हिन्दू ही जिंदा हैं !
संसद में यह बिल आया है, हम इसके आभारी हैं,
हर हिंदू की रक्षा अब, हिंदुस्तान की जिम्मेदारी है ! 
क्योंकि इनकी आस्थाओं के, गंगाधर हैं भारत में,
आशुतोष अवघरदानी, है शिव प्रलयंकर भारत में।
योगेश्वर की पुण्यभूमि, देवों की अगणित माला है,
#मर्यादा_पुरुषोत्तम का, मन्दिर भी बनने वाला है !
हिंगलाज से वैष्णव देवी तक जाने के सपने हैं,
नानक, गौतम, महावीर के बेटे भी तो अपने हैं !
इनकी पीड़ा चीख चीख कर दुनिया भर से कहती है,
ये उस देश के #वासी हैं जिस देश मे #गंगा बहती है !
लेकिन बहती गंगा में, कुछ हाथ भी धोने वाले हैं,
#संशोधन पर #छाती_माथा पीट के रोने वाले हैं !
उन्हें बता दो जो अपने, हम मात्र उन्हें अपनायेंगे,
अब उनके अतिरिक्त देश में, और न पालें जायेंगे !
हम #चंदन के निकट कभी, #विषबेल नहीं बोने देंगे,
#शरणागत के  #स्वागत में, #घुसपैठ  नहीं होने देंगे !
जब जी चाहे  #घुस आये, #दरबार  बनाकर रखा है,
भारत को अपनी खाला का, घर-बार बनाकर रखा है !
जब भारत का ही गरीब, जीवन जीता कंगाली में,
तब कैसे #रोटी  दे - दें हम, रोहिंग्या की थाली में !
सब कुछ मुफ्त लुटा दें ऐसा, इक बाज़ार नहीं हैं हम,
हम #उदार हैं लेकिन सबके,#पालनहार नहीं हैं हम !
#धनकुबेर या #अन्नपूर्णा के  #अवतार नहीं है #हम, !
#दुनिया के हर #घुसपैठियों के  #ठेकेदार नहीं है हम !!
गौरव दीक्षित ✍️✍️ आजादी हमको मिली नहीं, हमने पाया  बंटवारा  है ! 
बंटवारा भी हुआ धार्मिक, अब ये जग जाने सारा है !! 

तेईस प्रतिशत सनातनी, जो #सिंधु के उस पार रहे,