1 ,, मात पिता हैं मोती ,, मात पिता से ही खुशियों का संसार है । बिन मात पिता के ना ही है ये जीवन ,, ना ही ये संसार है । 2 ,, माता पिता ईस्वर घर उनका मंदिर होता है । माता पिता पर हुवे अत्याचारों को देखकर वो ईस्वर भी घुट घुट कर रोता है 3 ,, आंशूवों से भर आती हैं आंखें ,, 2 जब मंदिर के ईस्वर को रोड पर देखता हूँ । जिनको जन्नत की सीढ़ी स्वर्ग का द्वार कहा जाता है उन्ही को ही फिर क्यों उन्ही के मंदिर से दुत्कार दिया जाता है । ©Surendra kumar bharti मात पिता #पिता❤ #माँ❤ #Moon