वो आज भी अकेले सड़कों पर चलने से डरती है, वो आज भी अकेले घर में रहने से कतराती है, उसे आज भी लगता है वो मर जाएगी इसी डर से, हाँ, वही बेटी मेरे देश की जो हमारे घरों में पलती है। ©Real_life कितनी अजीब बात है न, नारीशक्ति, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की विचारधारा रखने वाले इस देश में हम बेटीयाँ ही सुरक्षित नहीं हैं। बाहर निकलते ही वो हवस भरी आँखे हमें डरा देती है। कहाँ सुरक्षित हैं हम। ghar se niklte hi judgements sunne ko milte hai, freedom khi dekhi hi nahi ajtak..