बारिश में लिपटी इन सर्द रातों में आग लगा दूं क्या तेरी मेरी नजदीकियां जमाने को बता दूं क्या लोग पूछते है ये तिलसमानी चांद कौन है तेरी तस्वीर ज़माने को दिखा दूं क्या वो जो जबरन तुझपे कब्जा किया बैठा है तू आज भी मेरी है उसे ये हकीकत बता दूं क्या तेरे कहने से तुझको हार गया मैं तू कहे तो रकीब को उसकी औकात दिखा दूं क्या कुछ सर्वे वाले आए है तेरे मोहल्ले तेरा नाम पूछते है मुझसे उनकी किताबों में तेरा नाम मैं 'जन्नत' दर्ज़ करवा दूँ क्या ईद के चाँद जैसी तेरी ये खूबसूरत हंसी तेरी इस हँसी को मैं खुदा की मन्नत बता दूं क्या लोग पागल दीवाना समझते है मुझको तू कहे तो तेरी दीवानगी के किस्से जमाने को सुना दूं क्या चारों ओर चर्चे है उस दागदार चांद की तू इज़ाज़त दे तो तेरे चेहरे से ये नक़ाब हटा दूं क्या बहुत मचल रहा ये दरिया इसमें आग लगा दूँ क्या तू कहे तो हौले से तेरे पैरों को पानी से छुआ दूं क्या जो कुछ लिखा सब जला दूं क्या जैसे तूने मुझे भुलाया मैं भी तुझे भुला दूं क्या ©कमल यशवंत सिन्हा 'तिलसमानी_KYS' #Fire #rain #cold #Love #Moon #river #Memories #Broken