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संतुलन रिश्तों का यूँ बनाए रखा, वह प्रतिबिंब बन चु

संतुलन रिश्तों का यूँ बनाए रखा,
वह प्रतिबिंब बन चुका था!. मेरा,
अपने अंदर उस को यूँ छुपाए रखा।

जब देखते हैं आईने में अक्स अपना,
चेहरा!......... उनका दिखाई देता है,
झूठा या सच्चा, लगता हर कोई अपना।

हे ईश्वर हो गया है क्या मुझको,
क्या मोहब्बत की यही रूपरेखा है,
सदाकत रिश्तों में हो,आशीष दे मुझको।

जैसे पूरे ब्रह्मांड में तूने संतुलन बनाए रखा है,
ऐसे ही ताकत मुझ में भी भर दो,
जिस प्यार में पूरी सृष्टि को संजोए रखा है। ♥️ Challenge-494 #collabwithकोराकाग़ज़ 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। 

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संतुलन रिश्तों का यूँ बनाए रखा,
वह प्रतिबिंब बन चुका था!. मेरा,
अपने अंदर उस को यूँ छुपाए रखा।

जब देखते हैं आईने में अक्स अपना,
चेहरा!......... उनका दिखाई देता है,
झूठा या सच्चा, लगता हर कोई अपना।

हे ईश्वर हो गया है क्या मुझको,
क्या मोहब्बत की यही रूपरेखा है,
सदाकत रिश्तों में हो,आशीष दे मुझको।

जैसे पूरे ब्रह्मांड में तूने संतुलन बनाए रखा है,
ऐसे ही ताकत मुझ में भी भर दो,
जिस प्यार में पूरी सृष्टि को संजोए रखा है। ♥️ Challenge-494 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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mrsrosysumbriade8729

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