आजादी के लिए लड़े थे, फिर क्यों बंटवारा हो गया। देशहित की बातें करने वालो को क्यों सत्ता का मोह प्यारा हो गया। जब आजाद ही हो चुके थे फिर क्यों कत्लेआम हुआ। बेगुनाहों की लाशों पर चढ़ कर क्यों बेगैरत निजाम हुआ।। सवाल जब भी उठा, जवाब ढूंढता उस मंजर का। आजादी का ठेकेदार वो निजाम क्यों चुप हुआ। चेहरा आजादी का यह भी देखकर कैसे वो आजादी की बात करते हैं। अपना घर खुद लुटाकर कैसी खुशहाली की बात करते हैं।। आजादी का एक सच ये भी था, जो सियासी झूठ ने तले दबा दिया। दो निजामों ने सत्ता के मोह में लाखों को बली चढ़ा दिया।। #freedom #independence #आजादी #partition #1947 #nehru #jinnah