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White """तुम्हारे चेहरे पर इतनी चिंता क्यों है, वि

White """तुम्हारे चेहरे पर इतनी चिंता क्यों है, विनोद? कोई समस्या है क्या?"" अमन ने पूछा, जब उसने अपने सहकर्मी को लगातार परेशान देखा।
विनोद ने घबराई आवाज में कहा, ""मुझे नहीं पता, तुम मेरी बात पर यकीन करोगे या नहीं, पर मेरे घर में कुछ गड़बड़ है। कल रात, बर्तन खुद-ब-खुद गिरने लगे, खिड़कियाँ तेज आवाज करने लगीं, और किसी ने मेरी रजाई खींच ली।""
अमन, जो पुरातत्व विभाग में कंस्ट्रक्शन अधिकारी है, रहस्यमयी घटनाओं और भूत-प्रेत से जुड़े मामलों में गहरी रुचि रखता था। उसे अक्सर ऐसी जगहों पर काम दिया जाता था, जहां लोग अजीब घटनाओं के कारण रुक नहीं पाते थे। विनोद उसका ऑफिस कलीग था और एक नए शहर में खुद को अकेला महसूस कर रहा था।
""अगर तुझे कोई दिक्कत न हो, तो आज रात मैं तेरे घर पर रहकर सब देखूंगा। मुझे अपनी आँखों से देखना होगा, तभी मैं मदद कर पाऊंगा,"" अमन ने गंभीरता से कहा।
विनोद की आँखों में आँसू आ गए। ""तुम मेरे लिए इतना करोगे? इस नए शहर में, तुम ही एक हो जिसने मेरी बात सुनी।""
अमन ने विनोद को अपने घर भेज दिया और गंगाजल, स्वास्तिक, देवी माँ की मूर्ति और माला लेकर विनोद के घर पहुँचा। अमन ने अपने गुरु से आत्माओं और तंत्र विद्या का गहन अध्ययन किया था, जो उसे ऐसी स्थितियों को संभालने में मदद करता था।
जैसे ही वह कमरे के बीचों-बीच लाल कपड़ा बिछाकर पूजा शुरू करता है, खिड़कियाँ ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगती हैं। एक अजीब सन्नाटा पूरे कमरे में फैल जाता है।
अमन मंत्रोच्चार करता है और आत्मा से बात करने की कोशिश करता है। ""तुम कौन हो? मुझे पता है तुम पवित्र आत्मा हो। तुम्हें जो चाहिए, मैं मदद करूँगा।""
धीरे-धीरे, कमरे में एक धुंधली परछाई प्रकट होती है। एक सुंदर, दुबली-पतली युवती सिंदूर के गोले के अंदर बैठी हुई है। उसकी आँखों में दर्द और गुस्सा झलक रहा है। ""मैं रजनी हूँ। मेरे पति और सास ने मुझे मार दिया। मेरी लाश यहीं दफनाई गई है। जब तक उन्हें सजा नहीं मिलती, मैं किसी को यहाँ चैन से नहीं रहने दूँगी।""
रजनी की बात सुनकर अमन चौंक जाता है। 
क्या अमन सच में रजनी को मुक्ति दिला पाएगा? या उसकी आत्मा किसी और बड़ी मुसीबत का संकेत दे रही है?
"

©Sumit Prajapati #story #kahani #Bhut  भूत वाली फिल्म
White """तुम्हारे चेहरे पर इतनी चिंता क्यों है, विनोद? कोई समस्या है क्या?"" अमन ने पूछा, जब उसने अपने सहकर्मी को लगातार परेशान देखा।
विनोद ने घबराई आवाज में कहा, ""मुझे नहीं पता, तुम मेरी बात पर यकीन करोगे या नहीं, पर मेरे घर में कुछ गड़बड़ है। कल रात, बर्तन खुद-ब-खुद गिरने लगे, खिड़कियाँ तेज आवाज करने लगीं, और किसी ने मेरी रजाई खींच ली।""
अमन, जो पुरातत्व विभाग में कंस्ट्रक्शन अधिकारी है, रहस्यमयी घटनाओं और भूत-प्रेत से जुड़े मामलों में गहरी रुचि रखता था। उसे अक्सर ऐसी जगहों पर काम दिया जाता था, जहां लोग अजीब घटनाओं के कारण रुक नहीं पाते थे। विनोद उसका ऑफिस कलीग था और एक नए शहर में खुद को अकेला महसूस कर रहा था।
""अगर तुझे कोई दिक्कत न हो, तो आज रात मैं तेरे घर पर रहकर सब देखूंगा। मुझे अपनी आँखों से देखना होगा, तभी मैं मदद कर पाऊंगा,"" अमन ने गंभीरता से कहा।
विनोद की आँखों में आँसू आ गए। ""तुम मेरे लिए इतना करोगे? इस नए शहर में, तुम ही एक हो जिसने मेरी बात सुनी।""
अमन ने विनोद को अपने घर भेज दिया और गंगाजल, स्वास्तिक, देवी माँ की मूर्ति और माला लेकर विनोद के घर पहुँचा। अमन ने अपने गुरु से आत्माओं और तंत्र विद्या का गहन अध्ययन किया था, जो उसे ऐसी स्थितियों को संभालने में मदद करता था।
जैसे ही वह कमरे के बीचों-बीच लाल कपड़ा बिछाकर पूजा शुरू करता है, खिड़कियाँ ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगती हैं। एक अजीब सन्नाटा पूरे कमरे में फैल जाता है।
अमन मंत्रोच्चार करता है और आत्मा से बात करने की कोशिश करता है। ""तुम कौन हो? मुझे पता है तुम पवित्र आत्मा हो। तुम्हें जो चाहिए, मैं मदद करूँगा।""
धीरे-धीरे, कमरे में एक धुंधली परछाई प्रकट होती है। एक सुंदर, दुबली-पतली युवती सिंदूर के गोले के अंदर बैठी हुई है। उसकी आँखों में दर्द और गुस्सा झलक रहा है। ""मैं रजनी हूँ। मेरे पति और सास ने मुझे मार दिया। मेरी लाश यहीं दफनाई गई है। जब तक उन्हें सजा नहीं मिलती, मैं किसी को यहाँ चैन से नहीं रहने दूँगी।""
रजनी की बात सुनकर अमन चौंक जाता है। 
क्या अमन सच में रजनी को मुक्ति दिला पाएगा? या उसकी आत्मा किसी और बड़ी मुसीबत का संकेत दे रही है?
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©Sumit Prajapati #story #kahani #Bhut  भूत वाली फिल्म