कुल्हाड़ी पैरों पर अपने ... जो, खुद मारते हैं!! दोष खुद का नहीं ... कुल्हाड़ी का, वो मानते हैं!! ऊँगली एक किसी पर कोई कभी उठाने से पहले!! गिरेबाँ में क्यों नहीं अपने ... कभी, वो झाँकते हैं!! कहना था बस कह दिया ~~~ निशान्त ~~~ कुल्हाड़ी