कमबख्त किताबों की बेरुखी और जहन में उसकी यादों की छुअन जरा सी बेवफाई क्या हुई मुंह सा मोड़ लिया किताबों ने अफसोस वो तो अभी भी जहन ए दिल के किसी कटघरे में मेरी दलीलों को बेजुबान सी होके सुने जा रही थी वो भीनी भीनी सी खुशबू किताबों की जिन्हें जीने का वजूद पाया था मैने कमबख्त उस एक शख्स की तलाश ने बेवफाई के कागज पर स्याही सी छिटक दी थी सिर्फ और सिर्फ जरा सी बेवफाई और वो जीने का वजूद मेरी किताबें रूठ सी गई थी✍️✍️ मेरी कलम✍️✍️ ज़रा सी बेवफ़ाई सबमें होती है #बेवफ़ाई #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #बेवफाई_उनकी_फितरत #yqbaba #yqquotes