वो बुरा है मगर इतना भी बुरा नहीं है "निग़ाह-ओ-पा" से अभी गिरा नहीं है ख़ौफ़नाक और ख़तरनाक, दोनों में फ़र्क है हाथ लहरा रहा नश्तर अभी छुरा नहीं है दिन गुज़रते-गुजरते फिर दे जाएगा सबक जिंदगी का ककहरा कभी होता पूरा नहीं है जिन हाथों चाक दिए उन्हीं से मरहम भी रोज कुरेदने पर भी ये घाव हरा नहीं है खट्टे-मीठे जो भी मिले अल्फ़ाज़ सहेजे मैंने सफ़हे सदियों बोलेंगे 'माशारत्ती' मरा नहीं है Pic credit- Samsung glance wall paper #yqdidi #yqbaba