जिसे खाबो मे देखा था, यादों मे सोचा था। क्या तुम वही हो? हां तुम वही हो। वरना जब तुम पास आते, तो धङकने दुगना ना बढ जाती, निगाहें रूक ना जाती, बदन मे सरसराहट सी ना होती, जँुबा सिल ना जाती, क्योंकि तुम वही हो। जिसे खाबों मे देखा था। यादों में सोचा था। पर जब भी तुम पास आते हो, हम कह ना पाते तुम वही हो। जिसे खाबों में देखा था, यादो में सोचा था।। (Poetry) #Yqbaba#khwab#tumvhiho