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सफ़र में हूं, नज़र में हूं, कभी तुम्हारी यादों या

सफ़र में हूं, नज़र में हूं,
कभी तुम्हारी यादों या तुम्हारे मीठी मुस्कुराहटों में हूं।
दूरियां ही तो है बस दो शहरों की,
तू आंखें बंद कर ले, तो मैं तुम्हारे पलकों की आहटों में हूं।।

©Kumar Vivek #quotation #Love
सफ़र में हूं, नज़र में हूं,
कभी तुम्हारी यादों या तुम्हारे मीठी मुस्कुराहटों में हूं।
दूरियां ही तो है बस दो शहरों की,
तू आंखें बंद कर ले, तो मैं तुम्हारे पलकों की आहटों में हूं।।

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kumarvivek9971

Kumar Vivek

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