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ये शून्य भी अजीब है औकात खुद की कुछ नहीं जुड़ जाए अ

ये शून्य भी अजीब है औकात खुद की कुछ नहीं
जुड़ जाए अंक बाद तो सौगात इससा कुछ नहीं
"एक भी नहीं" की "धारणा" इंगित करती शून्य को
"अवधारणा" "कुछ भी नहीं"की शेष भरती रिक्ति को
अंक स्वयं सक्षम नहीं अपना अस्तित्व बताने को
ऋण-धन दोनो मे गिना जाता हैसियत बचाने को
रिक्त है स्वरूप शून्य का इसकी आकृति है गोल
जिस अंक से पहले जुड़े ना बदले अंक का मोल
अंकगणित मे कार्य करे योग तत्समक के रूप मे
किन्तु परमशून्य के शिवाय पूरी कायनात मे कुछ नहीं
ये शून्य भी अजीब है औकात खुद की कुछ नहीं
जुड़ जाए अंक बाद तो सौगात इससा कुछ नहीं
प्रकाश #प्रकाश
ये शून्य भी अजीब है औकात खुद की कुछ नहीं
जुड़ जाए अंक बाद तो सौगात इससा कुछ नहीं
"एक भी नहीं" की "धारणा" इंगित करती शून्य को
"अवधारणा" "कुछ भी नहीं"की शेष भरती रिक्ति को
अंक स्वयं सक्षम नहीं अपना अस्तित्व बताने को
ऋण-धन दोनो मे गिना जाता हैसियत बचाने को
रिक्त है स्वरूप शून्य का इसकी आकृति है गोल
जिस अंक से पहले जुड़े ना बदले अंक का मोल
अंकगणित मे कार्य करे योग तत्समक के रूप मे
किन्तु परमशून्य के शिवाय पूरी कायनात मे कुछ नहीं
ये शून्य भी अजीब है औकात खुद की कुछ नहीं
जुड़ जाए अंक बाद तो सौगात इससा कुछ नहीं
प्रकाश #प्रकाश