ख़ामोशियों के दरमियाँ मुलाकातें कई हुईं। लफ्ज़ निकले न जुबाँ से पर बातें कई हुईं। बेचैनियाँ बढ़ी तो वो भी जागे रातों में, और नज़रों की नज़रों से गुस्ताखियाँ कई हुईं। Sublime Inscriptions brings you Weekly challenge 🖤 WCSI009 🖤 #SI_ख़ामोशियों_के_दरमियाँ [In-between the silence] Collab open for all. सहभागिता सबके लिए खुली है। Maintain aesthetics. शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखें ।