निगाह ए नाज़ की करूँ वक़ालत क्या वो जो देखे तो सेहरा भी दरिया से है । नज़र उसकी जब से पड़ी है मुझ पर तब से ये सारे ज़ख्म अफ़साने से है । यूँ ही पतझड़ में फूल नही खिले होंगे ये फूल असल में तुम्हारे दीवाने से है । #yqbaba #yqdidi #phool #diwane #love #rekhta #jashnerekhta