तुमको देखा तो जीने के; इशारे मिल गये, बिछड़े लहरों को सागर के किनारे मिल गये.. दिल में दफ़न उम्मीदे जगी फिर ऐसे जैसे, गिरते पत्तों को हवाओं के सहारे मिल गये.. सूरज रोता रहा दिन भर तन्हाई के गम में, चाँद को देखो, झिलमिल सितारे मिल गये.. कुछ विशेष देखने की हसरत थी बरसो से , तुमको देखा तो लगा हसीं नजारे मिल गये.. गोविन्द पन्द्राम #seaside