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तू राही है, पथ देख पथिक, मत देख चकित, तुझे चलना है

तू राही है, पथ देख पथिक,
मत देख चकित,
तुझे चलना है अतिदुर पथिक,
मत भूल पथिक,
सब माया है अतिदुर्ग पथिक,

हर कांटो को है पुस्प बना,
चलना उस पर है राह बना,
सुख के छन को तू ढाल बना,
मन को अब तू तलवार बना;

सुबह की लाली ढलती जाएगी,
शाम बिचारी फिर आएगी,
एक सुबह ऐसा आएगा,
सुख का दर्पण इठलाएगा,
कुदरत भी तुझ पर बरसेगा,
शाम ना ढलने को तरसेगा,
जीवन में तुझे मान मिलेगा,
उस पथ को भी सम्मान मिलेगा,
जीवन जीने का अभिमान मिलेगा...।
      
             #श्रीकांत शर्मा
तू राही है, पथ देख पथिक,
मत देख चकित,
तुझे चलना है अतिदुर पथिक,
मत भूल पथिक,
सब माया है अतिदुर्ग पथिक,

हर कांटो को है पुस्प बना,
चलना उस पर है राह बना,
सुख के छन को तू ढाल बना,
मन को अब तू तलवार बना;

सुबह की लाली ढलती जाएगी,
शाम बिचारी फिर आएगी,
एक सुबह ऐसा आएगा,
सुख का दर्पण इठलाएगा,
कुदरत भी तुझ पर बरसेगा,
शाम ना ढलने को तरसेगा,
जीवन में तुझे मान मिलेगा,
उस पथ को भी सम्मान मिलेगा,
जीवन जीने का अभिमान मिलेगा...।
      
             #श्रीकांत शर्मा