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झूठ का बोलना, सच के भाव तोलना , सभ्य समाज मे जहर क

झूठ का बोलना,
सच के भाव तोलना ,
सभ्य समाज मे जहर का घोलना,
मजबूर के राज को सरे आम खोलना,
बंद कर दो।।
रिश्वत को चूमना,
शराब पीकर झूमना ,
फर्ज ,कर्ज,मर्ज से डर फाँसी खा झूलना,
बिना किसी काम के गलियों मे आवारा घूमना,
बंद कर दो ।।
झूठी गवाही देना,
गलत कर सफाई देना ,
सस्ते इलाज  पर मंहगी दवाई देना ,
किसी की मेहनत के बदले  पैसा ना पाई  देना ,
बंद कर दो ।।
झूठा सम्मान लेना, 
बेजुबान की जान लेना,
बेईमानी करके कसम ए ईमान  लेना,
 काम जब निकल गया , भूल जाना देना-लेना ,
बंद कर दो ।।
पुष्पेन्द्र "पंकज "

©Pushpendra Pankaj
  #Tanhai बंद कर दो

#Tanhai बंद कर दो #कविता

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