कहो क्या तुम बिछड़ कर राबता ये तोड़ दोगे? हम्म! कभी उस पार तुम कोई किनारे पर मिलोगे? हम्म, चलेंगे हम चलो अब साथ में फिर से समंदर पर, मगर तूफ़ान में तुम अपनी कश्ती मोड़ लोगे? हम्म कहो तुम ठीक हो! हम्म! ठीक है लेकिन सुनो ना! हम्म, नहीं कुछ भी नहीं छोड़ो कहीं गुस्सा करोगे, हम्म, पता था हमको तन्हा काटना है मौसमे हिजरत, सुनो तुमने किये थे वायदे कि साथ दोगे हम्म!— % & मौसमे हिजरत #yqdidi #yqbaba #yqhindi #yqshayari #yqpoetry