एक नजर जो तूने देखा,तो तेरा जिक्र हो जाऊं। फिक्र नहीं है मेरी,अब बेफिक्र हो जाऊं। महकने लगूं पूरे शहर में,कुछ ऐसा इत्र हो जाऊं। तेरी बाहों में आकर मैं,गंगा सा पवित्र हो जाऊं।। ✍️✍️ सत्यवीर सिंह तू मेरी फिक्र हो जाए,मैं बेफिक्र हो जाऊं।