#DearZindagi मै खुलकर जीना चाँहूये पल है। जिंन्दंगी। मै रहकर भी न रहूँ खुद में वो पल है जिन्दंगी।। तुम खुश मैं खुश। वहीं पल है जिन्दंगी चाहकर भी चुप रँहू , फिर जिऊँ वो खुशी है - जिन्दंगी।। तुम चुपचाप चलने दो मुझे ऐ-जिन्दंगी।। पलभर के लिए ठहरू ना "मैं" ऐ-जिन्दंगी।। रहें गम में,खुशी में, हर लम्हें में- जिन्दंगी। सँजोंतें हर पल को वो फसाँना है।जिन्दंगी। चाहते पल दो पल चलती रहें उम्रभर- ऐ जिन्दंगी। खुलें आसँमा के तलें खुशनूमा यूँ ही चलें -जिन्दंगी। हर सोच को मै दिशा दूँ! ये खामोंशियाँ ना रहें-ऐ जिन्दंगी।। सोचा जो मैनें वो दर्दों गम होकर भी खुशी से जिऊँ ! जिन्दंगी.. तुम अक्सर हर मोङ पर साथ हो ! हाँ यहीं है। जिन्दंगी.. बदलतें हर रिश्तें,परम्पराओं सस्कृतियों , और कुरितियों को मिटतें -समेटतें और हर नये पुरानें लम्हों को लिये -. हो कल कि पहचान ऐ-जिन्दंगी! ..... और आज का अरमान हो ऐ-जिन्दंगी।..... neetuशharmA✍ । neetuशharmA✍ #DearZindagi #ctl #Wod #nojotonews #nojotochallange #nojotolove#nojotomotivationalpoetry #stories#shabdanchal#patrika#amarujakanewspaper#amarujalapoetry#amarujalakavya Akshita Jangid(poetess) नयनसी परमार