चाहे हों जितनी भी नहीं होती वो कम फ़िर भी हर परेशानी का किया जाता है सामना अगर चाहत हो सच्ची बंद कर लो चाहे उसे तालों में नहीं रोका जा सकता उसे कभी मोहब्बत सदा है इंतज़ार करती दबाना चाहें उसको कितना भी लाख दुश्वारियों के बीच भी चाहत को पाओगे तुम मुस्कराती हुई ♥️ Challenge-697 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।