सुनो चाय बना रही हूं तुम्हारी पसंद की, कड़क, कम चीनी और ज़्यादा दूध वाली, खदक रही चूल्हे पर और कितना उबालूं, उफन रही बर्तन से, मेरे प्यार की मानिंद, अदरक की खुशबू तैर रही पूरी रसोई में, कहो तो थोड़ी कालीमिर्च भी मिला दूं, तुम्हारी पसंद का ये बड़ा वाला कप, जिसे लबालब भर चाय पीना पसंद है तुम्हें, लो सिगरेट भी लाकर रख दी साथ, ये नामुराद लाइटर भी जला लेना मुझे जलाने को, और कितने जतन करूं तुमको वापस लाने के, चाय भी उबलते उबलते अब बाहर गिर रही, एक बार ठंडी हो गई तो बरबाद हो जाएगी, जल्दी पिलो आकर, दोबारा गरम किया, तो छूटे रिश्ते सी, बेस्वाद हो जाएगी। चलो आज तुम्हारी पसंद कि चाय पीते हैं☕❤️ सुनो चाय बना रही हूं तुम्हारी पसंद की, कड़क, कम चीनी और ज़्यादा दूध वाली, खदक रही चूल्हे पर और कितना उबालूं, उफन रही बर्तन से, मेरे प्यार की मानिंद, अदरक की खुशबू तैर रही पूरी रसोई में, कहो तो थोड़ी कालीमिर्च भी मिला दूं, तुम्हारी पसंद का ये बड़ा वाला कप,