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खो दिया हैं अब महबूब को हमने अब तो सिर्फ़ यादों क

खो दिया हैं अब महबूब को हमने
अब तो  सिर्फ़ यादों का सहारा हैं 

तड़पती  है यह  हरपल रूह मिरी 
गुज़रते तन्हा रात और दिन मिरी

शाम को, रात को  ढूँढता तुझे मैं
बस यादों को ही लेकर लौटता मैं 

क्या-क्या जतन तुझे  पाने के लिए
तुम बिन क्या है मेरा खोने के लिए  ♥️ Challenge-496 #collabwithकोराकाग़ज़

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खो दिया हैं अब महबूब को हमने
अब तो  सिर्फ़ यादों का सहारा हैं 

तड़पती  है यह  हरपल रूह मिरी 
गुज़रते तन्हा रात और दिन मिरी

शाम को, रात को  ढूँढता तुझे मैं
बस यादों को ही लेकर लौटता मैं 

क्या-क्या जतन तुझे  पाने के लिए
तुम बिन क्या है मेरा खोने के लिए  ♥️ Challenge-496 #collabwithकोराकाग़ज़

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krishvj9297

Krish Vj

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