ए खुदा मेरे आखरी सफर में काम आय उसकी उम्र भर की नफरत से मेरी कब्र में जान आय रूह जुड़ चुकी है उससे ये कब जानेगी बो शायद मेरे मरने के बाद वो मेरी मोहब्बत जान पाय ----भरत