सांसारिक जीवन का महत्त्व उसी मनुष्य के हस्त पे केंद्रित है जिसने अपने मोक्ष को पराप्त कर लिया हो आनंद सदैव स्मरण रखना मनुष्य जब कोई अपना खोता है तो जीवन उसे सुख प्रदान करती है किंतु ये मनुष्य नही समझ सकता बस उसे तथागत रूप देना आता है मैं आखरी शरण में हूं मुझे परमात्मा से मिलने जाना है खुद रोशनी बनना और दुसरो को भी रोशनी बनने देना (महात्मा बुद्ध) अंतिम उपदेश #राहिल आज़म ।। ©Rahil Azam #राहिल आज़म #BuddhaPurnima2021