भक्तन को आ दर्शन दीजो, मनोकमना पूरी कीजो। हे जगदम्बे हे जगतारिन, दुखियों के तुम दुख हरि लीजो। पीर हरी हर कष्ट मिटाया, द्वार तेरे मां जो भी आया। सोया हर इक भाग्य जगाया, मन चाहा फल सबने पाया। ©SHANU KI सरगम #navratri Sagor Prashanta Ritik Rajvanshi Suraj Chauhan Sumit Singh Rathor Som Sangeet