तुम शब्द बन कर मुझमें आये दिल में मौन बन कर धर गए ! उमड़ते घुमड़ते ज़ज़्बात तुमने प्यार से समेंटे और तन्हा कर गए ! मैं तो मुख़ातिब हूँ फ़ितरते इश्क़ से दर्द भी मेरे दामन में खुशी भर गए ! हश्र तो उन हबीबों का पूछिए "पाठक" जिनके ख़्वावो को हुश्नेजन झूठा कर गए ! Good evening💕👨 🍨🍧🍫🍉🍉☕☕☕☕☕ : आज की शाम उन तमाम आशिकों के नाम जो अक़्सर गाते है..... हम वफ़ा करके भी तन्हा रह गए ! ख़्वाब जो देखे थे सब वो ढह गए ! वो जालिम सिर्फ़ इंडेने की गैस निकली हम सिलेण्डर से बिचारे रह गए ! अब भला मक्ख़न कहाँ से दें तुम्हें