मैं मौसम वफ़ा का बदलने न दूँगा। मैं फिरंगी हवा को यूँ चलने न दूँगा। मैं शफ़ा तेरी चाहत रखूँगा हमेशा। जफ़ा को तुझे यूँ हीं छलने न दूँगा। खिली धूप ख़्वाबों भरी मन में तेरे। मैं मन से तेरे धूप ढलने न दूँगा। ये रौशन जहाँ इश्क़ की चाँदनी से। नफ़रतों का अंधेरा मैं पलने न दूँगा। नाज़ नख़रे उठाऊँगा पलकों पे तेरे। मैं पंछी' तुम्हें पिंजरा खलने न दूँगा। Hello Resties! ❤️ मैं मौसम वफ़ा का बदलने न दूँगा। मैं फिरंगी हवा को यूँ चलने न दूँगा। मैं शफ़ा तेरी चाहत रखूँगा हमेशा। जफ़ा को तुझे यूँ हीं छलने न दूँगा।