भूलाना चाहता हूँ वाकिया, जो मुकम्मल हुआ ही नही, भूलाना चाहता हूँ वजूद,जो दरम्यान कभी था ही नही। भूलाना चाहता हूँ वाकिया, जो मुकम्मल हुआ ही नही, भूलाना चाहता हूँ वजूद,जो दरम्यान कभी था ही नही। - NASAR