खोजने अपनी रूह देखा सामने रस्ता लंबा था बिखरे थे उसपर शूल फिर याद आया मनुष्य हूं मैं असंभव नहीं है कुछ भी फिर क्या था चल पड़ा राह पर उड़ाकर फ़िक्र की धूल...।। सुप्रभात। घर से निकल आते हैं वो जिनके दिल में जज़्बा होता है कुछ कर दिखाने का, कुछ पाने का। #एकधुनमें #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi