कुछ पाने की हसरत कुछ ! पाने की हसरत ; कुछ करने का ; मन जो सोचा है ; हमने , जायेंगे इक दिन ; वो बन धन ! उम्मीद और कोशिश रुपी है , हमारे पास धन कर रहें आज हम , जीत के लिए ; सबकुछ अरपन कवि अजय जयहरि कीर्तिप्रद कुछ पाने की हसरत......कीर्तिप्रद