कितना कुछ करना था , खुद में कुछ नया सा गढ़ना था, मिलना था खुदसे मिल न पाया खुदसे, जो दुर हुआ मैं खुद से समझ न पाया खुद को, खुद में ही रह गया , खुद से ही बिछड़ कर खुदको... ©Nishant Kumar #lifetrack