माना किस्मत मेरे हाथ नहीं फैसला तो मैं कर ही सकता हूँ। औ किस्मत मेरा फैसला कर सकती है पर जब मेरा फैसला बदल न सके फिर किस्मत बदलने से कोई रोक न सके। उसकी क़िस्मत हर्गिज बदल नहीं सकती जिसे खुद पर विश्वास नहीं। खुद पर भरोसा रखो और कर्म करो ईश्वर फलीभूत अवश्य करेगा कर्म तेरे हाथ में है गर बल तेरे हाथ नहीं। अश्रफुल मखलूकात हूँ मैं जो चाहे कर सकता हूँ। माना किस्मत मेरे हाथ नहीं फैसला तो मैं कर ही सकता हूँ। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ फैसला