सिंदूर की क़ीमत :- ना जाने तेरे सिंदूर की क़ीमत क्या होंगी सुबह से शाम काम की क़ीमत कहा ज्यादा होती होंगी तेरे अधूरे सपने पुरे करने के खातिर इधर उधर भागता फिरू पलक झपकते ही तेरे ख्वाइश पूरी ऐसा इंतज़ाम मैं करता फिरू ना जाने तेरे सिंदूर की कीमत क्या होंगी दिन भर की भागदौड़ मे अपने लिए दो चैन की सांस भी ना लू अब लगता है यु कुछ सिमट सी गयी है जिंदगी सुबह से शाम काम और रात को फिर आराम सुबह से वही सब फिर से शुरुआत करू ना मै मालिक ना मै नौकर इन दोनो के बिच मै सदा फ़सा ना जाने तेरे सिंदूर की क़ीमत क्या होंगी अपने लिए चैन की सांस भी ना जोड़ सकू तू कहती है हमेसा मै वो करू वो करू कही झाककर देखा है मेरी जिंदगी मे 10-12 घंटे काम करू सुबह शाम बॉस की फीकी बात सुनु शाम को मै लौट के घर मै आउ फिर बाते तुम्हारी सुनु ना जाने वो दिन कब आएगा परिवार के साथ दो चाय की चुस्की तू आराम से लू ना जाने तेरे सिंदूर की क़ीमत क्या होंगी सारा दिन क़ीमत की जुगाड़ करू राजोतिया भुवनेश ©Rajotiya Bhuwnesh #sindur