लाजमी है इमारतों का खंडर होना, वक्त का मिजाज है; बदलता जरूर है। जमींदोज हो गयी हैं इमारते सारी महल सी । बहुत रहती थी जिनमे इंसानों की चहल सी । #YourQuoteAndMine Collaborating with Suraj Nahata