वो कहती थी दुबारा कभी नहीं आयेंगे आपकी जिंदगी में . कमबख्त जूठी निकली . अब ख्वाबों में भी आती है और सपनों में भी. शायरी ,मस्तान सिंह सायरी ।12 ।मस्तान सिंह