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महफिल तेरी थी और हम दिल अपना गवां बैठे थे, मेरे हर

महफिल तेरी थी और हम दिल अपना गवां बैठे थे,
मेरे हर लफ्ज़ में तेरे दिल को शामिल कर अपना बना बैठे थे,

पसंद आ जाए तुझे मेरा संग कर खुदा से दुआ बैठे थे,
तेरी ही महफिल में पैगाम ए रूह तेरे लिए बुला बैठा थे,

तेरे दिल के अंधेरे को हम तो अपना उजाला बना बैठे थे,
तेरे ही इश्क के तरीके को हम अपना इश्क तरीका बना बैठे थे,

तू होकर इश्क में गुम महफिल ए इश्क को तबाह बता बैठे थे,
तेरे कतरे भर इश्क से हम मधुशाला को अपना हिस्सा बना बैठे थे,

साथ जब तेरा था तो एक उम्मीद से तेरा हाथ हम थामे बैठे थे,
रूह ए इश्क में हम तो तेरी सादगी को बंदगी बनाए बैठे थे,

तुम तो मिली नही पर तेरे इश्क की महफिल को सजाए बैठे थे,
रहम दिली को तेरी हम ए सनम इश्क अर्जी बनाए बैठे थे,

ज़ख्म ए इश्क को भरने के लिए रूह ए मरहम लाए बैठे थे,
जाना तो मेरा आखिरी रास्ता था तेरे लिए धड़कन धड़काए बैठे थे,

तेरे नाम को हम आज भी ना जाने क्यों होंठो पे सजाए बैठे थे,
मेरी महफिल में तो बस तेरा नाम लिए बदनाम हुए बैठे थे,

इश्क ए कमल की स्याही में हम तेरा नाम छुपाए बैठे थे,
हाल देख तेरा हम अपनी पलकों को भिगाओ बैठे थे,

तेरे ऊपर हम अपना सारा इश्क बरसाए बैठे थे,
हम तो तेरे इश्क में अपने लाल खून को तड़पाए बैठे थे

©Alfaaz dil se #WallTexture
महफिल तेरी थी और हम दिल अपना गवां बैठे थे,
मेरे हर लफ्ज़ में तेरे दिल को शामिल कर अपना बना बैठे थे,

पसंद आ जाए तुझे मेरा संग कर खुदा से दुआ बैठे थे,
तेरी ही महफिल में पैगाम ए रूह तेरे लिए बुला बैठा थे,

तेरे दिल के अंधेरे को हम तो अपना उजाला बना बैठे थे,
तेरे ही इश्क के तरीके को हम अपना इश्क तरीका बना बैठे थे,

तू होकर इश्क में गुम महफिल ए इश्क को तबाह बता बैठे थे,
तेरे कतरे भर इश्क से हम मधुशाला को अपना हिस्सा बना बैठे थे,

साथ जब तेरा था तो एक उम्मीद से तेरा हाथ हम थामे बैठे थे,
रूह ए इश्क में हम तो तेरी सादगी को बंदगी बनाए बैठे थे,

तुम तो मिली नही पर तेरे इश्क की महफिल को सजाए बैठे थे,
रहम दिली को तेरी हम ए सनम इश्क अर्जी बनाए बैठे थे,

ज़ख्म ए इश्क को भरने के लिए रूह ए मरहम लाए बैठे थे,
जाना तो मेरा आखिरी रास्ता था तेरे लिए धड़कन धड़काए बैठे थे,

तेरे नाम को हम आज भी ना जाने क्यों होंठो पे सजाए बैठे थे,
मेरी महफिल में तो बस तेरा नाम लिए बदनाम हुए बैठे थे,

इश्क ए कमल की स्याही में हम तेरा नाम छुपाए बैठे थे,
हाल देख तेरा हम अपनी पलकों को भिगाओ बैठे थे,

तेरे ऊपर हम अपना सारा इश्क बरसाए बैठे थे,
हम तो तेरे इश्क में अपने लाल खून को तड़पाए बैठे थे

©Alfaaz dil se #WallTexture