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#corona virus contest (यह वक्त) वक्त का यह क

#corona virus contest 


 (यह वक्त)


वक्त का यह कठिन दौर,
कुछ पल ऐसे ले आया,
जिसने हमें जीवन से प्यार करना सिखा दिया,
छोटी सी जिंदगी है इसमें कंई बंदगी है,
आज जो सूरज ,
रोशनी लेकर आया है,
 महका लोअपने जीवन का कोना कोना,
क्या पता यह कल यह सूरज हो ना हो,
तुम्हारे जीवन की सुबह हो ना हो,
जीवन की यह अनियमितता का एहसास,
खुद से कर लो प्यार,
कुछ वक़्त अपने लिए भी जी लो यार,
शायद यही सिखाने आया है,
दुनिया ने जिसे महामारी कहां,
मैंने उसे समझा नियति,
और इस नियति ने बहुत कुछ सिखाया,
जो दूर हो गए थे जिंदगी की भाग दौड़ में,
आज उन लोगों ने भी कुछ वक्त अपनों संग बिताया है,
और अपनी बात कहूं अगर तो,
प्यार करने के नए पैमाने सीख लीये है मैंने,
एक वह एहसास जो मुझसे कह गया,
जीवन का एक-एक पल है खास,
थोड़ा ही सही समेट लो मुट्ठी में उसके साथ गुजारा वह पल एहसास,
अब उसके ना होने का गम नहीं,
वक्त की कशमकश मैं भी,
अब हर पल से हंसकर मिलती हूं,
वक्त का यह दौर मुझे,
दूर रहकर भी पास होने का मीठा एहसास दिला गया,
और प्यार करने का एक नया अंदाज सिखा गया।

बच्चों ने भी सीख लिया है हठ को भूल जाना,
घर में ही रहना है बाहर नहीं जाना,
अब जो घर में है उसी में काम चलाना,
अब तो बच्चों ने भी ना सुनना सीख लिया है।
मजे की बात तो यह है जनाब,
चाय की टपरी पर बैठ गली गली मोहल्ले और चौराहों के किसी कोने में,
हर एक आवारगी जो,
रास्ते चलती लड़कियों की इज्जत पर,
बेवजह आवाज उठाती थी,
उन्हें भी घर में बैठा नियति ने,
उनके मुंह पर ताला कस दिया है।
कुछ तजुर्बे हैं जो सालों बीत गए सीखने में,
यह वक्त हमें सिखा गया,
मां और सांस का आवाज लगाना,
रसोई में हो जरा ध्यान रखना,
हिसाब से खाना बनाना,
जब उनकी इस बात को नजरअंदाज कर जाना,
लो अब हमें हर चीज का माप तोल सिखा दीया,
अब तो रोटी के हर एक टुकड़े पर,
उन गरीबों के बच्चों की तस्वीर दिखती है,
सच कहती हूं__
अब ना कोई रोटी घर की खिड़की से ,
छपरे पर फिकती है,
हर एक बात वह मां की अब सच लगती है,

 अब मां भी तजुर्बो के साथ जब दिखती है,
सच कहूं वह मुझे सरस्वती लगती है,
और इसी नजरिए ने अब किचन किंग बना दिया। 
आस्था की गर बात करें तो,
मंदिर मस्जिद चर्च और गुरुद्वारों में,
ताले लगा,
मन में बसता है भगवान
मन को जीत आस्थाओं को मन में बसा, भक्ति का नया तजुर्बा सिखा दिया।
यूं तो हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं,
इस वक्त को भी जरा दूसरे नजरिए से देखिए,
हर किसी को यह कुछ ना कुछ नया सीखा गया।

और देश की बात करें अगर,
मोदी जी के दीप जलाने वाले प्रस्ताव से,
जब हर घर-घर में दीप जले,
अनेकता में एकता के इस दृश्य ने
मुझको रूला दिया।। #positve side of corona #vakt
#corona virus contest 


 (यह वक्त)


वक्त का यह कठिन दौर,
कुछ पल ऐसे ले आया,
जिसने हमें जीवन से प्यार करना सिखा दिया,
छोटी सी जिंदगी है इसमें कंई बंदगी है,
आज जो सूरज ,
रोशनी लेकर आया है,
 महका लोअपने जीवन का कोना कोना,
क्या पता यह कल यह सूरज हो ना हो,
तुम्हारे जीवन की सुबह हो ना हो,
जीवन की यह अनियमितता का एहसास,
खुद से कर लो प्यार,
कुछ वक़्त अपने लिए भी जी लो यार,
शायद यही सिखाने आया है,
दुनिया ने जिसे महामारी कहां,
मैंने उसे समझा नियति,
और इस नियति ने बहुत कुछ सिखाया,
जो दूर हो गए थे जिंदगी की भाग दौड़ में,
आज उन लोगों ने भी कुछ वक्त अपनों संग बिताया है,
और अपनी बात कहूं अगर तो,
प्यार करने के नए पैमाने सीख लीये है मैंने,
एक वह एहसास जो मुझसे कह गया,
जीवन का एक-एक पल है खास,
थोड़ा ही सही समेट लो मुट्ठी में उसके साथ गुजारा वह पल एहसास,
अब उसके ना होने का गम नहीं,
वक्त की कशमकश मैं भी,
अब हर पल से हंसकर मिलती हूं,
वक्त का यह दौर मुझे,
दूर रहकर भी पास होने का मीठा एहसास दिला गया,
और प्यार करने का एक नया अंदाज सिखा गया।

बच्चों ने भी सीख लिया है हठ को भूल जाना,
घर में ही रहना है बाहर नहीं जाना,
अब जो घर में है उसी में काम चलाना,
अब तो बच्चों ने भी ना सुनना सीख लिया है।
मजे की बात तो यह है जनाब,
चाय की टपरी पर बैठ गली गली मोहल्ले और चौराहों के किसी कोने में,
हर एक आवारगी जो,
रास्ते चलती लड़कियों की इज्जत पर,
बेवजह आवाज उठाती थी,
उन्हें भी घर में बैठा नियति ने,
उनके मुंह पर ताला कस दिया है।
कुछ तजुर्बे हैं जो सालों बीत गए सीखने में,
यह वक्त हमें सिखा गया,
मां और सांस का आवाज लगाना,
रसोई में हो जरा ध्यान रखना,
हिसाब से खाना बनाना,
जब उनकी इस बात को नजरअंदाज कर जाना,
लो अब हमें हर चीज का माप तोल सिखा दीया,
अब तो रोटी के हर एक टुकड़े पर,
उन गरीबों के बच्चों की तस्वीर दिखती है,
सच कहती हूं__
अब ना कोई रोटी घर की खिड़की से ,
छपरे पर फिकती है,
हर एक बात वह मां की अब सच लगती है,

 अब मां भी तजुर्बो के साथ जब दिखती है,
सच कहूं वह मुझे सरस्वती लगती है,
और इसी नजरिए ने अब किचन किंग बना दिया। 
आस्था की गर बात करें तो,
मंदिर मस्जिद चर्च और गुरुद्वारों में,
ताले लगा,
मन में बसता है भगवान
मन को जीत आस्थाओं को मन में बसा, भक्ति का नया तजुर्बा सिखा दिया।
यूं तो हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं,
इस वक्त को भी जरा दूसरे नजरिए से देखिए,
हर किसी को यह कुछ ना कुछ नया सीखा गया।

और देश की बात करें अगर,
मोदी जी के दीप जलाने वाले प्रस्ताव से,
जब हर घर-घर में दीप जले,
अनेकता में एकता के इस दृश्य ने
मुझको रूला दिया।। #positve side of corona #vakt