Nojoto: Largest Storytelling Platform

अजमाईश का दौर है साहब, बिन इसके न कुछ संभव है..!

 अजमाईश का दौर है साहब,
बिन इसके न कुछ संभव है..!
आज़मा कर ही पसंद बनाते,
जब मन भरता तो छोड़ जाते हैं..!
दिल के शीशे में रख कर,
दिल को पत्थर  से तोड़ जाते हैं ..!

©SHIVA KANT
  #Aajmayish

#Aajmayish

27 Views