__अपने__ आँखे अब नहीं रोती, पुराना वक्त याद कर के। टूटे लहज़े से नाजिम, अब नहीं हकलाता है। बढ़ गया है आगें समय से वो जहां पहले कभी तुम थे। जितने अपने न थे उससे ज्यादा कही विरोधी, थी तो क़ामयाबी पास उसके । फिर भी असफलता के नारे थे कितना हताश बैठा हूँ , जहाँ मेरे अपने थे। जहाँ मेरे अपने थे।। ©Knazimh अपने.....!. . . #आत्मविश्वास * #आगे_बढ़ना * #चुनौतियाँ * #सफलता