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माछी तो माछी रहे गुड़ देखे ललचाये , चापलूस बोल मीठ

माछी तो माछी रहे गुड़ देखे ललचाये ,
चापलूस बोल मीठे बोल बोल लहाये !!
....................................................... माछी तो माछी रहे गुड़ देखे ललचाये ,
चापलूस बोल मीठे बोल बोल लहाये !!
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भावार्थ---: मेरी इन पंक्तियों में मैंने चापलूस की तुलना गुड़ से की है ,
माछी की तुलना उस इन्सान से की है , जिन्हे चापलूसी पसंद आती है !!
आज के समय में प्रायः यह देखने में आ रहा है ,
सच्चे ईमानदार इन्सान की कदर नहीं , जहाँ देखो वहाँ बस चापलूसों का ही बोलबाला है !!  Ronak raj Varun Singh Ghanshyam Soni Farooq Ali Satyam Sp
माछी तो माछी रहे गुड़ देखे ललचाये ,
चापलूस बोल मीठे बोल बोल लहाये !!
....................................................... माछी तो माछी रहे गुड़ देखे ललचाये ,
चापलूस बोल मीठे बोल बोल लहाये !!
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भावार्थ---: मेरी इन पंक्तियों में मैंने चापलूस की तुलना गुड़ से की है ,
माछी की तुलना उस इन्सान से की है , जिन्हे चापलूसी पसंद आती है !!
आज के समय में प्रायः यह देखने में आ रहा है ,
सच्चे ईमानदार इन्सान की कदर नहीं , जहाँ देखो वहाँ बस चापलूसों का ही बोलबाला है !!  Ronak raj Varun Singh Ghanshyam Soni Farooq Ali Satyam Sp