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'सावन आयो रे' रिमझिम-रिमझिम सावन बरसे, झिलमिल-झ

'सावन आयो रे'

रिमझिम-रिमझिम सावन बरसे, 
 झिलमिल-झिलमिल करे पोखरिया l 
 नदी एवं तालाब भरे, गीत गाए मेंढकिया, 
 गाय गोरिया गीत कजरिया l 
 आया सावन झूम के l 
 आयो तीज त्योहार के मौसम,  झूम उठी सांवरिया, 
 हरी-हरी चूड़ियां,  बिंदिया और मांगों में सिंदुरिया l 
 हरी हरी चूड़ियां डाल के बन गई बावरिया, 
 नाच उठी धरती- गगन नाच उठा श्याम सलोना सांवरिया l 
 झूला झुलत करत ठिठोली,  हंस हंस लोटत सखियां l 
 आया सावन झूम के l 

~सीता सिंह
'सावन आयो रे'

रिमझिम-रिमझिम सावन बरसे, 
 झिलमिल-झिलमिल करे पोखरिया l 
 नदी एवं तालाब भरे, गीत गाए मेंढकिया, 
 गाय गोरिया गीत कजरिया l 
 आया सावन झूम के l 
 आयो तीज त्योहार के मौसम,  झूम उठी सांवरिया, 
 हरी-हरी चूड़ियां,  बिंदिया और मांगों में सिंदुरिया l 
 हरी हरी चूड़ियां डाल के बन गई बावरिया, 
 नाच उठी धरती- गगन नाच उठा श्याम सलोना सांवरिया l 
 झूला झुलत करत ठिठोली,  हंस हंस लोटत सखियां l 
 आया सावन झूम के l 

~सीता सिंह
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Sita Singh

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