एक चेहरा है जो हर पल सामने अा जाता है ! हर इबादत से पहले मेरी निगाहों में छा जाता है! उसकी बातों में खुलूश और जेहन में तनाव है मेरे लिए वो मेरी ही ग़ज़ल के मायने मुझको ही समझा जाता है! वो नसीब से छीन के मुझे खुशियां देता है बस वो रहे और दुनिया न रहे भला मेरा क्या जाता है! मेरी किरदार की गलतियों को सबब देता है वो वो मेरे लिए ज़िन्दगी को आसान बना जाता है! उसकी हदों में रहा तो महफूज़ रहा बेकारी से वो दिल के दरिया में खुशियों के बान बना जाता है ! वो बाप है और मेरी हर कमी से वाकिफ है वो हर कदम मुझे आदमी से इंसान बना जाता!.... subodh pundir # love dad