इंसान की फितरत है बेशक़ मेरी नाकाम मोहब्बत में, उस की रज़ा है। मेरी बर्बादियों के पीछे,सिर्फ़ इतनी सी वजह है। नाकामियों की तोहमत ,किसी और पर मर देना, ये तो" इंसान की फितरत" है। ©Anuj Ray इंसान की फितरत है