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गूंजती है बोली उसकी कानों में मेरे के लोरी भी कोई

गूंजती है बोली उसकी कानों में मेरे के
लोरी भी कोई अब भाती नहीं।
सोया था कभी जो बाहों में उसके
 तकिए पे नींद अब आती नहीं।

 #वो😊😊
गूंजती है बोली उसकी कानों में मेरे के
लोरी भी कोई अब भाती नहीं।
सोया था कभी जो बाहों में उसके
 तकिए पे नींद अब आती नहीं।

 #वो😊😊
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