#OpenPoetry कल के नौसखिये सिकन्दर हो गये, हल्की हवा के झोंके बवडंर हो गये, मैं लड़ता रहा उसूलो की पतवार थामें, मैं कतरा ही रहा लोग समन्दर हो गये.... top shayari