Alone मुझको वो आज आखरी आवाज़ दे गया, उसका रिश्ता हो गया है ये पैग़ाम दे गया। फ़ोन पर जब कल उसने मुझसे ऐसे बात की, जो में भूल न सकूंगा वो अल्फाज़ दे गया। वो रो रहा था मुझे बताता हुआ ये गम कि दास्तान, फसानाए गम ए हिज़रा वो लिफाफे में दे गया। वो जो कहता था दोनो एक ही कब्र में दफन होंगे, वो आज मेरी कब्र का मुझे सामान दे गया। मैं बेकरार हूं मिलने को वो भी बेकरार है, मिलने के लिए मुझको वो एक आश दे गया। ये आरज़ू मेरी है उसको गले से लगा कर रोऊ, ये हसरत पूरी होगी या नहीं ये उलझन सी दे गया। ये कहके की मेरा रिश्ता कहीं और हो गया, कितने प्यार से वो प्यार को अंजाम दे गया। मैं किसी को कैसे बताऊंगा अपने दिल के दर्द को, जाते जाते वो मुझको अपनी कसम भी दे गया। वो किसी और का हो गया है इसमें कोई शक नहीं, बस उवेश को जीने के लिए यादें दे गया। (उवेश अंसारी) ©uwesh #alone ALTAF Kadri