मेरे शिक्षक कभी डांट कर, इसने प्यार जताया कभी रोक-टोक कर चलना सिखाया, कभी काली स्लेट पर चाक से, उज्ज्वल भविष्य का सूरज उगाया | ढाल बनकर के हर मुश्किल से बचाया | कभी हक़ के लिये लड़ना सिखाया, कभी गलती बताकर कभी गलती छुपाकर, एक सच्चे गुरु का फर्ज निभाया, कभी माता – पिता बन दी सलाह, कभी दोस्त बन हौसला बढ़ाया | #MereShikshak OM BHAKAT "MOHAN,(कलम मेवाड़ की)