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राम जब आये वन में रोज नये-नये अनुभव पाये, पर संग स

राम जब आये वन में रोज नये-नये अनुभव पाये,
पर संग सिया और लखन के हर पल प्रेम गीत गाये,
प्रकृति की सुंदरता पर सिया हर्षाये साथ चलते जाये,
एक स्थान पर कुटिया बनाये प्रेम और भक्ति में दिन बिताये,
शूर्पणखा से क्रोधित हो लक्ष्मण जी काटे उसकी नाक,
जाकर वो लंकेश को भड़कायी जाकर लंकेश मारीच को लाये,
मारीच धर स्वर्ण मृग सिया को मोहित करना चाहे,
सिया देख उस विचित्र मृग को बस देखती रहना चाहे,
जाकर श्रीराम से गुहार लगाई मृग पाने की तृष्णा जताई,
सिया की बात सुन श्री राम विचारे दुर्लभ हिरण हैं सीते,
सिया स्वामी से उसे पाने की बार-बार लालसा बताये,
राम सिया की बात सुन मुस्कराये ये इच्छा तो यू पूरी करलाये,
लखन को देकर सिया की जिम्मेदारी हिरण के पीछे दौड़ लगाये,
बाण लगा जब मृग के राम के स्वर में सीते और लक्ष्मण पुकारे,
समझ गये सारी माया अनहोनी की आशंका में राम घबराये,
सिया के शब्दों और विलाप से होकर आहत लखन वन जाये,
भाभी को धैर्य दे समझाये भईया कुशल होंगे आप रेखा के बाहर ना आये,
लक्ष्मण रेखा को लाँघने की दे मनाही राम को खोजने लखन वन को जाये।

©Priya Gour जय सियाराम...💞
vese ye kissa bhut hi rochk h bhut kuch sikhte h... patni ki hr khwahish puri krna pati arthat ram ji se sikhte h... lakhmn ji bhai ka frz nibhate h... bhai bhabhi k prti prem lakhan se sikhte h... 
or khi na khi nari k liye ye ☺ek ishara b krta h ye prsang ki pati se bdhkr koi vastu ya abhooshan nhi...☺sone ki hiran ko pane ki pal bhr ki lalsa jb Bhgwan ko itna mushkil me phucha skti h to hm sb to samany insan h...jai shree ram 🙏💞


#NojotoRamleela 
#ram 
#nojotowriters #NojotoWriter
राम जब आये वन में रोज नये-नये अनुभव पाये,
पर संग सिया और लखन के हर पल प्रेम गीत गाये,
प्रकृति की सुंदरता पर सिया हर्षाये साथ चलते जाये,
एक स्थान पर कुटिया बनाये प्रेम और भक्ति में दिन बिताये,
शूर्पणखा से क्रोधित हो लक्ष्मण जी काटे उसकी नाक,
जाकर वो लंकेश को भड़कायी जाकर लंकेश मारीच को लाये,
मारीच धर स्वर्ण मृग सिया को मोहित करना चाहे,
सिया देख उस विचित्र मृग को बस देखती रहना चाहे,
जाकर श्रीराम से गुहार लगाई मृग पाने की तृष्णा जताई,
सिया की बात सुन श्री राम विचारे दुर्लभ हिरण हैं सीते,
सिया स्वामी से उसे पाने की बार-बार लालसा बताये,
राम सिया की बात सुन मुस्कराये ये इच्छा तो यू पूरी करलाये,
लखन को देकर सिया की जिम्मेदारी हिरण के पीछे दौड़ लगाये,
बाण लगा जब मृग के राम के स्वर में सीते और लक्ष्मण पुकारे,
समझ गये सारी माया अनहोनी की आशंका में राम घबराये,
सिया के शब्दों और विलाप से होकर आहत लखन वन जाये,
भाभी को धैर्य दे समझाये भईया कुशल होंगे आप रेखा के बाहर ना आये,
लक्ष्मण रेखा को लाँघने की दे मनाही राम को खोजने लखन वन को जाये।

©Priya Gour जय सियाराम...💞
vese ye kissa bhut hi rochk h bhut kuch sikhte h... patni ki hr khwahish puri krna pati arthat ram ji se sikhte h... lakhmn ji bhai ka frz nibhate h... bhai bhabhi k prti prem lakhan se sikhte h... 
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priyagour7765

Priya Gour

Gold Star
Super Creator